The Single Best Strategy To Use For वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
The Single Best Strategy To Use For वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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सफलता: वशीकरण मंत्र आपको सफलता की ओर आग्रह करने में मदद कर सकता है। यह आपकी सोच, सामर्थ्य, और विश्वास को सुधारकर आपको अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद कर सकता है। यदि आप अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो वशीकरण मंत्र आपकी मदद कर सकता हैवशीकरण मंत्रों के प्रकार
विधि: मंत्र सिद्धि के लिए, किसी भी ग्रहणकाल के दौरान एक मिट्टी का चौमुखा दीपक और चार लौंग लेकर किसी पवित्र स्थान पर बैठें। दीपक में चमेली का तेल डालें और चार बत्तियों को तेल में भिगोकर जलाएं। दीपक को इस प्रकार रखें कि प्रत्येक बत्ती का मुँह अलग-अलग चार दिशाओं की ओर हो। प्रत्येक बत्ती के पास एक लौंग रखें। ग्रहण के आरंभ से लेकर उसके समाप्त होने तक मंत्र का निरंतर जाप करें।
माला मूंगे की होनी चाहिए और धूप-दीप भी रखे.
(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)
बिजनेस में सफलता और नए अवसर प्राप्त करने के लिए।
समय चुनें: मंत्र का उच्चारण करने के लिए शुभ समय चुनें, जैसे ब्रह्ममुहूर्त (सूर्योदय के आसपास), पूर्णिमा या अमावस्या के दिन, या अपनी इच्छा के अनुसार विशेष तिथि।
माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।
फुरो मंत्र इश्वरो वाचा बे माता की आज्ञा
अगर आप मोहिनी वशीकरण का प्रयोग कर रहे है तो आपको ये बात अच्छे से ध्यान रखनी चाहिए की साधना के दौरान आपको गलत विचार मन में नहीं लाने है.
यहां एक छोटा सा जलाशय भी है जिसके कारण यह स्थान हमेशा नम रहता है। इस जल स्तोत्र का जल भी विशेष गुणों से भरपूर है। इसके सेवन से कई बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। यहां हर साल अंबुबाची नामक मेला लगता है। इस समय देवी कामाख्या की उपस्थिति के कारण ब्रह्मपुत्र का जल रक्तिम हो जाता है।
वशीकरण तंत्र विद्या का एक हिस्सा है जो मंत्रों और विशेष अनुष्ठानों के माध्यम से ऊर्जा को संचालित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी व्यक्ति के विचार और भावनाओं को सकारात्मक दिशा में प्रभावित करना है। वशीकरण का उपयोग निम्नलिखित के लिए किया जाता है:
पारिवारिक और व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान।
पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, read more दोहाई डाकिन का।